pat mein gas ho to kya kare pat mein gas ho to kya kare

अगर आप भी परेशान हैं पेट में गैस की समस्या एं यह अचूक उपाय से  अपनातो आज ही

pat mein gas ho to kya kare

डाइजेस्टिव प्रॉब्लम्स वैसे तो कई तरह की हो सकती हैं, लेकिन सबसे कॉमन डाइजेस्टिव प्रॉब्लम्स की अगर बात करें तो वो तीन होती हैं: गैस, एसिडिटी, और इनडाइजेशन। गैस की प्रॉब्लम तब होती है जब आपके डाइजेस्टिव सिस्टम में एयर यानी हवा या फिर गैस ज्यादा बन जाती है, जो कि कई बार डिस्कंफर्ट या फिर पेन का कारण भी बन सकती है। इसके कॉमन कॉज़ में शामिल होते हैं, खाने का सही से पेट के अंदर नहीं पच पाना या फिर कुछ खास किस्म की चीजें खा लेना जैसे कि बैंगन, उड़द की दाल, अरबी वगैरह, जो कि खाने के बाद ज्यादा गैस को बनाना शुरू करते हैं।

इनडाइजेशन को अगर देखें तो यह तब होता है जब खाना ठीक से डाइजेस्ट नहीं होता है और इसकी वजह से पेट के अंदर भारीपन, भूख ना लगना, पेट का फूलना और उल्टी जैसी शिकायतें होने लगती हैं। इसके साथ-साथ कुछ ऐसे केस भी होते हैं जहां पर खाया-पिया भी शरीर को लगने नहीं लगता है और शरीर सूखने लगता है। आप खाते तो सब कुछ हैं, लेकिन शरीर को लगता नहीं है, शरीर कमजोर होता चला जाता है।

तो चलिए आगे बढ़ते हैं और देखते हैं ऐसे ही पांच बेहतरीन स्पाइसेज़ को जो कि इस तरह के इश्यूज यानी आपके पेट में गैस की प्रॉब्लम्स को हैंडल करने में आपकी काफी ज्यादा मदद करती हैं।

पेट गैस को दूर भगाए यह उपयोगी मसाले 

अदरक (जिंजर):

अदरक न सिर्फ खाने को फ्लेवर देता है बल्कि यह कई सारी हेल्थ प्रॉब्लम्स को भी ठीक करने का काम कर सकता है। खासकर जब डाइजेशन की बात आती है तो अदरक एक बहुत ही इफेक्टिव रेमेडी के रूप में उभर कर सामने आता है। साइंटिफिक स्टडीज़ बताती हैं कि जिंजर के अंदर कुछ ऐसे नेचुरल कंपाउंड्स होते हैं जो कि डाइजेशन प्रोसेस को इंप्रूव करने में आपकी हेल्प करते हैं, जिससे कि गैस, नोजिया यानी मतली का होना और इस तरह की जो दूसरी दिक्कतें होती हैं, इनडाइजेशन वगैरह की, उनमें आपको काफी आराम मिलता है।

अदरक एक नेचुरल कार्मिनेटिव भी होता है, मतलब कि यह आपकी भूख को भी बढ़ाता है और यह गैस को कम करने के साथ-साथ डाइजेस्टिव ट्रैक्ट को रिलैक्स भी करता है, जिससे आपका पेट फूलता नहीं है और पेट की दर्द की शिकायत अगर है तो वो भी कम होती है।

 सौंफ (फेनल सीड्स):

इंडिया के अंदर सौंफ को खाना खाने के बाद अक्सर माउथ फ्रेशनर की तरह इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन यह सिर्फ एक माउथ फ्रेशनर ही नहीं है, बल्कि इसके डाइजेस्टिव बेनिफिट्स भी बड़े कमाल के होते हैं। रिसर्च के मुताबिक, फेनल सीड्स के अंदर कुछ ऐसे कंपाउंड्स होते हैं जो कि एंटी-स्पास्मो प्रॉपर्टीज रखते हैं, यानी पेट के अंदर दर्द को और मरोड़ को रोकने का काम करते हैं।

ये कंपाउंड्स स्टमक मसल्स को रिलैक्स करते हैं और इससे गैस और ब्लोटिंग काफी हद तक कम हो जाती है। सौंफ अपने सूद इफेक्ट्स के लिए भी जानी जाती है, खासकर जब आपके स्टमक के अंदर जो लाइनिंग होती है, वो इरिटेट हो जाए एसिडिटी की वजह से या फिर आपको पेट में बहुत ज्यादा तेजाब बनने लग जाए।

 जीरा (क्यूमिन सीड्स):

जीरे में कुछ ऐसे नेचुरल कंपाउंड्स होते हैं जो कि डाइजेस्टिव एंजाइम्स को ज्यादा बनाते हैं और डाइजेशन को इंप्रूव करते हैं। यही नहीं, जीरा जो होता है, यह हमारी बॉडी को डिटॉक्स भी करता है, यानी जो हार्मफुल चीजें होती हैं हमारी बॉडी में, उन्हें बाहर फ्लश आउट करता है और लिवर के लिए भी यह बहुत फायदेमंद होता है।

जीरा वाटर लेना सबसे अच्छा ऑप्शन होता है। इसके लिए एक टीस्पून जीरा एक गिलास पानी में रात भर भिगोकर रखें, फिर सुबह इस पानी को बॉईल करें और ठंडा करके छान लें। यह जीरा वाटर दिन में किसी भी समय इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन सुबह-सुबह खाली पेट पिएं तो यह आपके लिए बेस्ट होता है।

हरी इलायची:

रिसर्च से पता चलता है कि इलायची के अंदर एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं जो कि स्टमक एसिड को न्यूट्रलाइज करती हैं, जिससे पेट में जलन कम होती है। इसके अलावा, यह आपके पेट को और आंतों को सूद भी करती है, जिससे पेट के अंदर मरोड़ और डिस्कंफर्ट यानी दर्द कम होता है।

इलायची हमारे पेट में बाइल एसिड के सीक्रेट को भी बढ़ाती है, जिससे डाइजेशन इंप्रूव होता है। इसके लिए बस दो से तीन इलायची लें, क्रश करें और एक कप बॉयलिक वाटर में डालकर 5 से 7 मिनट के लिए स्टीव करें। इसके बाद पानी छान लें और पी लें।

हींग:

हींग अपने यूनिक फ्लेवर और हेल्थ बेनिफिट्स के लिए जानी जाती है। इसका सबसे प्रॉमिनेंट फायदा होता है ब्लोटिंग और गैस को दूर करने के लिए। स्टडीज़ दिखाती हैं कि हींग में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-स्पास्मो प्रॉपर्टीज होती हैं जो गैस की प्रॉब्लम को कम करती हैं और डाइजेशन को इंप्रूव करती हैं।

हींग का इस्तेमाल इंटेस्टाइनल फ्लोरा को सेहतमंद रखने में भी मदद करता है। एक गिलास गर्म पानी में एक चुटकी हींग डालें और मिक्स करके पी लें। इससे पेट में गैस की समस्या से हल्का महसूस करने में मदद करेगा।

पेट में गैस है तो इन टिप्स को ज़रूर अपनाएं 

अब हम बात करेंगे उन टिप्स की जिनसे आप गैस को कंट्रोल में कर सकते हैं। बहुत सारे लोगों का सवाल होता है कि अपच रहती है, गैस बनती है, पेट साफ नहीं हो पाता है। सबसे पहले तो इस बात का खास ध्यान रखना जरूरी है कि अगर आपको पेट में गैस की समस्या है तो आपको छोटी-छोटी पांच चीज़ें करनी हैं:

फाइबर से भरपूर आहार:

अपने खाने में पर्याप्त मात्रा में फाइबर रखें। फाइबर पेट को साफ करने का काम करता है और गैस और पेट साफ होने का करीबी रिश्ता होता है। अगर आपका पेट साफ नहीं हो पा रहा है और गैस बन रही है, तो फाइबर का सेवन बढ़ाएं। फाइबर सब्जियों में अच्छी मात्रा में होता है, जैसे कि सब्जियों का सूप, दाल या कच्चे सलाद में। जिन लोगों को कच्चा सलाद पसंद नहीं आता, वे उसे उबाल कर हल्का सा तेल और काला नमक डालकर खा सकते हैं। फलों में भी फाइबर होता है, जैसे अमरूद, सेव, संतरा, मौसमी, और पपीता। आप इन्हें भूना जीरा और काला नमक डालकर खा सकते हैं।

ईसबगोल का सेवन:

ईसबगोल में भी फाइबर होता है, जो पेट को साफ करने में मदद करता है। आप इसे एक ग्लास गरम दूध के साथ रात में सोते समय ले सकते हैं।

सही समय पर खाना:

लंबे समय तक भूखा न रहें। सुबह उठते ही नाश्ता करें, लंच और डिनर समय पर करें। बड़े-बड़े भोजन की जगह छोटे-छोटे आहार लें, जिससे आपका पेट हमेशा भरा रहे और गैस बनने की शिकायत कम हो।

एंटी-गैस प्रॉपर्टीज वाले खाद्य पदार्थ:

दही या छाछ का सेवन लंच के समय करें। अदरक और लहसुन की चटनी भी गैस की मात्रा को कम करती है। ये खाद्य पदार्थ पेट के रस को हेल्दी रखने में मदद करते हैं।

सोते समय हल्दी और अजवाइन:

सोते समय एक चुटकी हल्दी, अजवाइन, काला नमक, और हींग को गुनगुने पानी के साथ लें। यह मिश्रण गैस्ट्रिक समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।

न करने योग्य बातें

देर रात का खाना:

देर रात भूखा रहना या रात को देर से खाना गैस की समस्या को बढ़ा सकता है। दिनचर्या को सही रखें और समय पर खाना खाएं।

लंबे समय तक बैठना:

लंबे समय तक बैठे रहने से गैस की समस्या हो सकती है। हर दो घंटे में उठकर थोड़ी गतिविधि करें।

चाय और कॉफी का सीमित सेवन:

चाय और कॉफी का अधिक सेवन न करें। खाली पेट चाय-कॉफी न पिएं। इन्हें अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थों के साथ लें।

तेल और मसाले:

अत्यधिक तेल-मसाले और कच्चे मान का सेवन गैस की समस्या को बढ़ा सकता है। शुद्ध, सात्विक, कम तेल और मसाले वाले भोजन का सेवन करें। बासी खाना न खाएं।

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